Baichain VM
Literary Captain
13
Posts
0
Followers
5
Following

I'm Baichain and I love to read StoryMirror contents.

Share with friends
Earned badges
See all

गौरतलब है कि कभी-कभी भरपूर खुशी के दो लम्हें ही सारी जिंदगी दिल में यह एहसास भर देने के लिए काफी है कि अगर झमाझम बारिश में सराबोर ना हो सके तो क्या हुआ, कम से कम छिटपुट बूंदे तो गिर ही गई...✍️बेचैन

एक ही चेहरे की अहमियत हर नजर में अलग सी क्यूँ है? उसी चेहरे पर कोई खफा तो कोई फिदा सा क्यूँ है ? गौरतलब है कि इंसान का चेहरा कमोबेश एक समान ही होता है लेकिन स्वभाव मुख्तलिफ होता है जो दो इंसानो के दरमियान नज़दीकियां या फिर दूरियां बढ़ाने में अहम रोल अदा करता है, यानी आपसी रिश्तो में तब्दीली आने लगती है ✍️

गौरतलब है कि कभी-कभी भरपूर खुशी के दो लम्हें ही सारी जिंदगी दिल में यह एहसास भर देने के लिए काफी है कि अगर झमाझम बारिश में सराबोर ना हो सके तो क्या हुआ, कम से कम छिटपुट बूंदे तो गिर ही गई...✍️बेचैन

एक ही चेहरे की अहमियत हर नजर में अलग सी क्यूँ है? उसी चेहरे पर कोई खफा तो कोई फिदा सा क्यूँ है ? गौरतलब है कि इंसान का चेहरा कमोबेश एक समान ही होता है लेकिन स्वभाव मुख्तलिफ होता है जो दो इंसानो के दरमियान नज़दीकियां या फिर दूरियां बढ़ाने में अहम रोल अदा करता है, यानी आपसी रिश्तो में तब्दीली आने लगती है ✍️

प्यार

प्यार ही सिर्फ एक ऐसा मामला होता है जिसमें दोनों में से किसी की भी खता नहीं होती और दोनों ही बेगुनाह होते हैं........असल गुनाहगार वो बातें या कारण होते हैं जिनके आकर्षण में दोनो पक्ष एक दूसरे के प्यार में पड़ते हैं..✍️बेचैन

किसी भी तरह के परिवर्तन के लिए मन की बहुत बड़ी भूमिका है। इंसान बदलता है, क्योंकि मन बदलता है और मन बदलता है तो परिस्थिति बदलती है.....✍️

एक अद्भुत, अनोखी औऱ राज़ की बात, आपके साथ- सर्वशक्तिमान पर अटूट विश्वास और तन्मयता अपने आप में एक प्रभाव पैदा करता है जो हमारे प्रतिबिम्ब के रूप में दिखता है, उनकी आँखों में.... खुद प्रयास कीजिये एक बार, और देखिये आप महसूस करेंगे कि आप मन्दिर में चाहे जिस भी एंगल में खड़े हों, उनकी आँखें अपनी ओर ही देखते पाएंगे ✍️बेचैन

और good afternoon की चाय के साथ good बात :- जो दिल के करीब होते हैं वो सच में करीब होते हैं। बेशक वो करीब न हों लेकिन कहीं न कहीं तो हैं। दिल के रिश्ते भी अनोखे हैं :- जो बेगाने थे वो अपनों से बढ़ के लगते हैं, प्यार का न जाने कैसा अजीब रिश्ता है..✍️बेचैन


Feed

Library

Write

Notification
Profile