कभी सोचूं तो लगता है कितना दुख है
ना सोचूं तो सुख ही सुख है
प्रत्येक बेटी अपनी माँ की प्रतिबिंब होती है
किसी के चेहरे पर मुस्कान ला कर तो देखो
अपने दिल का सुकून
जिस प्रकार आँखों के कचरा को हम देख नही सकते उसी तरह मन की बुरी भावनाएँ हमें नजर नहीं आती
जिन्दगी क्या है समझ ना सका कोई!
कभी मीठी चासनी
कभी कड़वी नीम
किसी की होठों पर मुस्कान लाना दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य है
- कंचन प्रभा
क्रोध करो तो नाम गुम जाये
सब्र से चलो तो काम बन जाये
--कंचन प्रभा
अभी जो वक्त गुजर रहा है कल वो बीता हुआ बन जाता है
उसी प्रकार आज जो नया है कल पुराना कहलाता है
---कंचन प्रभा