आईना भी क्या चीज है दिखाता तो सब सच है पर पूरा उल्टा
कंचन प्रभा
रंग अनोखे जीवन के
तरह तरह के उपवन से
कंचन प्रभा
जीवन के रंग भी अजीब होते है कभी लगे तो दर्द दे कभी लगे तो खुशियां ही खुशियां
कंचन प्रभा
चलो फिर से कुछ अच्छा सोचते है
जिंदगी ही तो है कभी कभी बेइमान हो जाती है
हम कहां आसमान की इच्छा रखते थे पता नहीं था मेरे पर काट दिए गए थे
कंचन प्रभा
कभी सोचूं तो लगता है कितना दुख है
ना सोचूं तो सुख ही सुख है
प्रत्येक बेटी अपनी माँ की प्रतिबिंब होती है
किसी के चेहरे पर मुस्कान ला कर तो देखो
अपने दिल का सुकून
जिस प्रकार आँखों के कचरा को हम देख नही सकते उसी तरह मन की बुरी भावनाएँ हमें नजर नहीं आती