writer and reader
थोड़ा और.... थोड़ा और की कामना ही मनुष्य का सुकून छीन लेती हैं । छोटी छोटी खुशियों से भी वह खुद को अलग-थलग कर लेता हैं।
उम्र कोई मायने नहीं रखती आपके जज्बे के आगे , उम्र चाहे बचपन की या फिर पचपन की । मोहिनी गुप्ता