साफ हाथों से सफाई की पहचान है,
स्वच्छता की कड़ी में पूरा हिन्दुस्तान है।
आज भी अपनों के पास नहीं गया,
ए बुत! तुझमें मेरी जान बसती है।
ये दर्द भी ना कितना बेशर्म होता है,
कितना भी गाली दो जाता ही नहीं।
तुम अपने दिल से दाखिल हुये मेरी जिन्दगी में,
तेरे आने के बाद मुझे जिंदगी नसीब से मिली।
कभी बांहों में कभी आगोश में थे,
समाए थे आपस में ना होश में थे।
करेंगे मुकम्मल मुहब्बत अपनी,
अपनी जवानी के जोश में थे।
होश आया तो मेहसूस हुआ,
इक झूठे ख्वाब के आगोश में थे।
सितारों की महफिल में चैन क्यों नहीं आया ।
मैं रात भर रोया, तू कल क्यों नहीं आया।।
सितारों की महफिल में चैन क्यों नहीं आया ।
मैं रात भर रोया, तू कल क्यों नहीं आया।।