इस दिल मे प्यार था कितना
वो जान लेते तो क्या बात होती
हमने माँगा था उन्हें ख़ुदा से
वो भी माँग लेते तो क्या बात होती
बरसात गिरी और कानों कान इतना कह गई
गर्मी किसी की भी हो ज्यादा दिन रहती नहीं
किसी ने मुझसे पूछा-
प्रेम क्या है?
मैंने मुस्कुरा कर कहा-
दिल का युद्ध दिमाग के विरुद्ध
कैसे कहें तारें तो हजारों हैं पर ध्रुव तारा सा कहाँ
इंसान तो करोडो हैं पर हृदय को सब भाते हैं कहाँ
कैसे कहें तारें तो हजारों हैं पर ध्रुव तारा सा कहाँ
इंसान तो करोडो हैं पर हृदय को सब भाते हैं कहाँ
दिल का सच्चा मन है बच्चा
रहो ऐसे जीवन बीते अच्छा
जहाँ रहता प्यार और अंतः वार
शायद वही होता है परिवार
उम्मीद और कोशिश ही जीवन में कमाल करती है
-कुमार अविनाश