जो इंसान सबको खुश करने की कोशिश में लगा रहता है, अक्सर वो खुद कभी खुश नही हो पाता।
चरणों मे पड़े पत्थर की क्या कीमत है, पूजा तो मंदिर का पत्थर जाता है।
सोनिया चेतन क़ानूनगो
कल ही तो कहा था, कल में जीना है मुझे।
मैं कबसे राह तक रही थी, कल आया ही नही।
सोनिया चेतन क़ानूनगो
बहुत सिद्दत से उसने कहा,क्यों भीड़ में खुद को ढूंढ रही हो।
लाखों है तुम जैसे क्यों ऊँचाई से कूद रही हो।
बस खुद को दे ये हौसला इतना कहा
सच कहा तुमने उचाई से तो कूद रही हूँ
फ़र्क सिर्फ इतना है कि तुम मुझे जमीन पे ला रहे हो।
औऱ मैं आसमान को देख रही हूँ
आसान नहीं है ,इश्क़ में तर जाना,
कहते है लोग, आसान होता है इश्क़ में मर जाना,
हाँ आसान तो है, पर और भी मुश्किल है इश्क़ को निभा पाना,
धन्यवाद
सोनिया चेतन कानूनगों