कभी चुप से तो,कभी बोलकर, कभी प्रेम से तो,कभी हंसी घोलकर, उन्हें खुश देख,खुश हुआ करती हूं, हर दिन एक चुनौती से, जीत की शुरुआत करती हुं, "धराविरल'
सोंच कर खिलखिला उठूं वो बात हो तुम ईश्वर का आशिष खुशियों का नवप्रभात हो तुम बस तुम सोंचो और हर बात समझ जाऊं सांस लेने से पूरी होने तक तुम्हें अपने पास पाऊं। "धराविरल"
इस भागते हुए वक्त में कुछ पल खुद को भी दे देती हूं दिल में यादों की किताब लिए एक चाय खुद के साथ पी लेती हूं महसूस कर के इन हवाओं और सुंदर नज़ारों को भी उस चाय के बहाने खुद से भी बातें हज़ार कर लेती हूं "धराविरल"
વિશાદ નું આ વાદળ હટી જાય તો સારુ, સંતાપ નો આ તાપ ઘટી જાય તો સારુ, ભગવાન ભલે તુ આરામ કર તારા જ દરબાર માં, પણ,તારા આ હજારો નામ મટી જાય તો સારુ।। ધરાવિરલ
वरदान कुछ लोग अब भी नादान हैं, कहते हैं वो आएगी तो बोझ बन जाएगी, अब कौन उन्हें समझाए कि, वो बेटी है अपनी तकदीर खुद बनाएगी।। "धराविरल"