@dr-baman-chandra-dixit

Dr Baman Chandra Dixit
Literary General
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Love writing poems and short stories in HINDI & ODIA

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सपनें जिस कदर हाबी होने लगे हैं हमारे ज़िंदगी में, ऐसे एक दिन जरूर होगा की हम होंगे हमारे सपनें होंगे मगर अपने नहीं होंगे।

सपनें जिस कदर हाबी होने लगे हैं हमारे ज़िंदगी में, ऐसे एक दिन जरूर होगा की हम होंगे हमारे सपनें होंगे मगर अपने नहीं होंगे।

ମୋ ମନତଳେ ଜଳେ ଯାହା ଜହ୍ନ ପରିକା ତୁମେ ସେହି ଅଭିସାରିକା ଛାତି ତଳେ ତାତି ପୀରତି ର ଛୁଇଁଛୁଇଁକା ତୁମେ ସେଇ ଅଭିସାରିକା ।

सपनें जिस कदर हाबी होने लगे हैं हमारे ज़िंदगी में, ऐसे एक दिन जरूर होगा की हम होंगे हमारे सपनें होंगे मगर अपने नहीं होंगे।

ମୋ ମନତଳେ ଜଳେ ଯାହା ଜହ୍ନ ପରିକା ତୁମେ ସେହି ଅଭିସାରିକା ଛାତି ତଳେ ତାତି ପୀରତି ର ଛୁଇଁଛୁଇଁକା ତୁମେ ସେଇ ଅଭିସାରିକା ।

सपनें जिस कदर हाबी होने लगे हैं हमारे ज़िंदगी में, ऐसे एक दिन जरूर होगा की हम होंगे हमारे सपनें होंगे मगर अपने नहीं होंगे।

आज जो कर न पाया कल जरूर करलूंगा; यह सोच आत्मविश्वास को मजबूत करता है

"गति कितनी भी तीव्र क्यों न हो दिशा सही न रहने से लक्ष्य प्राप्ति हो नहीं सकती" बामन चंद्र

आज जो कर न पाया कल जरूर करलूंगा; यह सोच आत्मविश्वास को मजबूत करता है


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