सपनें जिस कदर हाबी होने लगे हैं हमारे ज़िंदगी में, ऐसे एक दिन जरूर होगा की हम होंगे हमारे सपनें होंगे मगर अपने नहीं होंगे।
सपनें जिस कदर हाबी होने लगे हैं हमारे ज़िंदगी में, ऐसे एक दिन जरूर होगा की हम होंगे हमारे सपनें होंगे मगर अपने नहीं होंगे।
ମୋ ମନତଳେ ଜଳେ ଯାହା ଜହ୍ନ ପରିକା ତୁମେ ସେହି ଅଭିସାରିକା ଛାତି ତଳେ ତାତି ପୀରତି ର ଛୁଇଁଛୁଇଁକା ତୁମେ ସେଇ ଅଭିସାରିକା ।
सपनें जिस कदर हाबी होने लगे हैं हमारे ज़िंदगी में, ऐसे एक दिन जरूर होगा की हम होंगे हमारे सपनें होंगे मगर अपने नहीं होंगे।
ମୋ ମନତଳେ ଜଳେ ଯାହା ଜହ୍ନ ପରିକା ତୁମେ ସେହି ଅଭିସାରିକା ଛାତି ତଳେ ତାତି ପୀରତି ର ଛୁଇଁଛୁଇଁକା ତୁମେ ସେଇ ଅଭିସାରିକା ।
सपनें जिस कदर हाबी होने लगे हैं हमारे ज़िंदगी में, ऐसे एक दिन जरूर होगा की हम होंगे हमारे सपनें होंगे मगर अपने नहीं होंगे।