नफरत बीमार बना देती है,
दिल को भी प्यार की खुराक दीजिये ।
मायके में बूढ़ियाँ भी लड़कियाँ लगीं
हंसती हुई यहाँ सभी सिसकियाँ लगीं
दस्तक हुई जब दिल में पहली दफा मेरे
बंद पड़े घर में खुली खिड़कियाँ लगीं
थे औरतों के दो घर दोनों ही थे पराए
दीवारों पर कहाँ नाम की तख्तियां लगीं ।
- आलोक कुमार मिश्रा