छोटी सी किताब हूँ .... खुली हूँ तो राज़ हूँ , बंद हूँ तो बदमास हूँ ...
कभी किसी को उम्मीद मत बनाओ बस हजारो की उम्मीद बन जाओ , कभी किसी को उम्मीद मत बनाओ बस हजारो की उम्मीद बन जाओ ,