लिखता हूं।
असलियत की आँखों से देखो मेरे दोस्त, हमने अंबर छू लिया, और तुम पाताल में ही ढह गए। असलियत की आँखों से देखो मेरे दोस्त, हमने अंबर छू लिया, और तुम पाताल में ही ढ...