I'm Kamal and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsयाद करोगे तुम मुझे जब हमे खो दोगे सच कहता हूं अकेले में सिमट कर रो दोगे मुमकिन ना होगा मुझे यूं भुलाना तुम लाख भुलादो में फिर याद आऊंगा .. में फिर याद आऊंगा.... कमल..... .
ये मेरे मेरे इश्क का समंदर है प्रिये यहां नाव भी मेरा दिल है और किनारा भी तेरी चाहत .... .......कमल पाटीदार........
ये मेरे मेरे इश्क का समंदर है प्रिये यहां नाव भी मेरा दिल है और किनारा भी तेरी चाहत .... .......कमल........
जिस्म ने कहा अब कभी लौटकर नहीं आएगी वो... तभी रूह ने कहा हमे छोडकर कहां जाएगी हमारी याद उसे जन्नत में भी सताएगी ......कमल पाटीदार...
डूबता हुआ चांद भी मेरी जिंदगी पे हंस रहा है प्रिये .. लेकिन उगता हुआ सूरज भी मेरी जिंदगी की सलामती दे रहा है प्रिये ...........कमल........ .
अपनॊ का गम सह चुका हु मै .... अोरो के लिए खुद को भुला चुका हु मैं. अब समय है खुद को बदलने का .. अब ओर गम सहना चाहता नहि हू मै. ......कमल....
तलप तेरे इश्क की कुछ इस तरह हो गई.. जिंदगी तेरे बिन अब मोत सी हो गई.. अब और ना सता इस दिल को .. मेरी हर एक शायरी तुझी पे शुरु ओर तुझी पे खतम हो गई ..... ......कमल...
जरूरत नहीं पड़ी मुझे दूसरो के कारण रोने की मेरे अपने ही काफी है मुझे रुलाने के लिए अब कोई फर्क नहीं पड़ता मुझे किसी के रूठने का मेरी ओकात नही है उन्हें मनाने की ....2