जिसे हर वक्त महसूस करता हूं मैं, उसे सिर्फ एक बार महसूस किया है... जिसका हो जाने की चाह रखता हूँ मुद्दतों से मैं, उसे, मुझे छोड़ कर जाने का हक़ दिया है...
भले ही फेंक देते हाथ में लेकर एक बार, कर देते मेरे फूलों का गुलदस्ता ज़ार-ज़ार... कम्बख्त सुकून तो आता एक बार, कि मेरे इश्क को समझना चाहा था उन्होंने आखरी बार |