I'm tirgar and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsએને હતું કે એક દી' એવો આવશે... એની પાસે મારા ન હોવાનો અફસોસ થશે પણ આ શું...? જીવવાની પળોજણમાં જીવન જ વીતી ગયું...!!
जीते जी कद्र करले उनकी जो बेवजहा निभाते है रिस्ते, वरना मौत के बाद तो जनाजे पे गैर भी शामिल हो जाते है..।
यदि जीवन मे कोई इच्छायें ही न रहे तो...?!! फिर क्या फर्क पड़ता है कुछ करे या ना करे सभी द्वंद्व को लेकर हम चिंतित होंगे कभी..?! ये सारा खेल बस मानने से ही है हम जो कुछ भी सोचते-समझते है वही हमारा भविष्य तय करता है तो बस मान लो कि सब अच्छा है खुश रहे.