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रास्ते और मंज़िलें तम में चाहे खो गये मन के तेरे अश्व जाकर क्यूँ कहीं पर सो गये तू अकेला था कभ... रास्ते और मंज़िलें तम में चाहे खो गये मन के तेरे अश्व जाकर क्यूँ कहीं पर सो ग...