उम्र की हर सीमा से परे जात पात के बंधन से मुक्त सब रिश्तों से अलग हर रिश्ते में बसा सबका चहेता वह रिश्ता है "दोस्ती"
बुद्धिमान का अर्थ बुद्धि का होना नहीं है, अपितु बुद्धि का सही ढंग से सही परिस्थितियों में प्रयोग करने वाला ही बुद्धिमान कहलाता है।
ज्ञान हो तो पूरा हो नहीं तो फिर अज्ञान ही अच्छा है क्योंकि आधा अधूरा ज्ञान, ज्ञान ना होने की अपेक्षा अधिक खतरनाक होता है।
प्रेम इस संसार की सबसे बड़ी शक्ति है जिसकी सहायता से न सिर्फ इंसान को अपितु ईश्वर को भी अपने वश में किया जा सकता है।