Deepika Kumari
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चार डग हमने भरे तो क्या किया। है पड़ा मैदान कोसों का अभी।। Hindi Writer , Poet , Teacher

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उम्र की हर सीमा से परे जात पात के बंधन से मुक्त सब रिश्तों से अलग हर रिश्ते में बसा सबका चहेता वह रिश्ता है "दोस्ती"

लेखक की कलम में वह शक्ति है जो एक समाज को सही दिशा प्रदान कर सकती है।

बुद्धिमान का अर्थ बुद्धि का होना नहीं है, अपितु बुद्धि का सही ढंग से सही परिस्थितियों में प्रयोग करने वाला ही बुद्धिमान कहलाता है।

ज्ञान हो तो पूरा हो नहीं तो फिर अज्ञान ही अच्छा है क्योंकि आधा अधूरा ज्ञान, ज्ञान ना होने की अपेक्षा अधिक खतरनाक होता है।

मृत्यु तो सबको आनी है मृत्यु से क्या डरना, डरना है तो डरो कर्म से जिन्हें संग हमेशा चलना।

प्रेम इस संसार की सबसे बड़ी शक्ति है जिसकी सहायता से न सिर्फ इंसान को अपितु ईश्वर को भी अपने वश में किया जा सकता है।

कविता मनुष्य को स्वार्थ सम्बंधो के संकुचित घेरे से ऊपर उठाती है।

रिश्ते हमारे जीवन की वह पूंजी है जिनके बिना जीवन निर्वाह कर पाना अंसभव है।

आशा की मात्र एक किरण भी निराशा के घने अंधकार को दूर करने के लिए पर्याप्त है ।


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