मैं कौन हूँ ... ? इसकी खोज लगातार चल रही है ... वस्तुतः भौतिक रूप से आमोद के नाम से जाना जाता हूँ ... और मानव संसाधन प्रबन्धक के रूप मे कार्यरत हूँ ... लिखना एक शौक है और कुछ भी लिखता हूँ ...
रुमाल .... तुम कभी नहीं रखते थे ... कंधे ऊंचे थे तुम्हारे रुमाल .... तुम कभी नहीं रखते थे ... कंधे ऊंचे थे तुम्हारे