@rahul-yadav-nishabad

Rahul Yadav Nishabd
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कवि, शायर, लेखक तू अकेला ही चला था फिर ये मेला कैसा, इस तपती हुई जिन्दगी में झमेला कैसा..... #मेरीकलमसे #राहुलयादव #निशब्द

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चमक रहीं चहुं दिशाएं, पर्वत झूमे मतवाले हैं, हर्षित होता जनमानस, खुशियों के नवल उजाले हैं..... खंडित हो रहा सारा उन्माद असत्य गंदगी का, दीपक जला रहे वैमनस्यता, सबल चमक उजाले हैं..... #मेरीकलमसे #राहुलयादव #निशब्द

जज्बातों की लड़ियों में अब जैसे विस्फोट से हो रहे हैं समझदार सभी जैसे हो गये, वार अब ओट से हो रहे हैं..... रिश्ते तो बस बहकावे एवं दिखावे में चल रहे हैं सभी, विश्वास से बाहर हो गये, सम्बन्धों में अब खोट से हो रहे..... #मेरीकलमसे #राहुलयादव #निशब्द


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