Yasmeen Yasmeen
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Believe in simple living high thinking..

मित्रांशी सामायिक करा

दिल को दुखाया या दुखे दिल को जगाया ना जाने मुझपे कैसा जुनून था छाया। यासमीन।

तुम्हारे जाते ही मैँ लोगों का शिकार हो गई, मुँह से कुछ ना कहा पर आँखों में लाचार हो गई।

अपने इस बेगानी सी दुनिया में कई अपने मिले। इस बेगानी सी दुनिया में कई अपने मिले, पर अफसोस मुश्किल हालातोँ में उनकी परछाई भी ना मिली।

दामन आज जिस दामन पे वो उँगलियाँ उठाते है। आज जिस दामन पे वो उँगलियाँ उठाते है, भूल गए शायद कि उसी दामन के नीचे उन्हें सुकून आता था।

शुक्रगुज़ार हूँ उन हालातोँ का जिसने दिखाया, कौन है दर्शक मेरे सच्चे जज़्बातो का।


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