Indore
क्यों खुद को समझे है कमज़ोर, कम नहीं किसी से भी तू, उठ, हो खड़ी खुद को पहचान तू। क्यों खुद को समझे है कमज़ोर, कम नहीं किसी से भी तू, उठ, हो खड़ी खुद को पहचान तू।