महिलाओं के लिए कुछ खास बहुत हुआ दूसरों के लिए जीना। चलो अपने लिए भी कुछ पल चुराते हैं।। सावित्री गर्ग
आपकी खामोशी को लोगों ने गलत समझ लिया। लोगों को पता हि नहीं कि आपकी खामोशी ने न जाने क्या-क्या कर दिया।। सावित्री गर्ग
हमने चुप रहना क्या सीख लिया लोग हमें पागल समझने लगे। लो ! हमने ज़रा सा क्या बोल दिया लोग बुरा मान गए।। # सावित्री गर्ग
लोगों को खुश करने के प्रयत्न में हम हमेशा के लिए दुखी हो गये। लोगों को छोड़ो वो कभी न खुश हुए हैं न होगे, तो क्यों न! हम ही खुश हो लें।। #सावित्री गर्ग
लाखों है। ग़म ज़माने में कुछ अपनों के ,कुछ बेगानों के । फिर भी जीवन तो जीना है, तो क्यों न बिंदास जिया जाए।। सावित्री गर्ग