अपना परिचय मैं क्या दूं बस इतना ही के लोग मुझे सुधी सिद्धार्थ के नाम से जानते हैं।
Share with friendsबादलों की ग़रज़ से डरना बेमानी हैं मत भूल, ख़ुद ही लिखी है जो तेरी कहानी हैं जलवों से तेरे जलेगी ये दुनिया हर औरत में ज़िंदा एक झांसी की रानी हैं सुधी सिद्धार्थ