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Share with friendsखुद से वादा किया है अब और गैरों पर भरोसा नहीं, जब क़दम मेरे, मंज़िल मेरी, सपने मेरे ,तो उड़ान भी मेरी होगी, पूजा भारद्वाज ❤️
हे त्रिलोक स्वामी एक ही अरज हमारी इस धरा पर पूर्ण हो रिश्त मेरा तप शिव की भस्म बन जाऊं और गंगा में बह कर उनकी जटा में विराज विराजमान हो जाऊं
ऐ जिंदगी तू मंज़िल मैं तेरा मुसाफ़िर हूं मेरी भी ज़िद है एक दिन अपने आप को परिपूर्ण करूंगा। पूजा भारद्वाज
काले गोरे का भेद करने वालों मेरे सांवरिया के पास मत जाना कहीं उन्होंने अपने सांवले रंग से मोह लिया तो काले गोरे का भेद भूल जाओगे। राधे राधे
यदि आसमान को पाना चाहते तो दोस्ती धरा से करनी पड़ेगी क्योंकि धरा ही वो सपने साकार करेंगी जो हमें आसमान की ऊंचाइयों तक ले जाएंगे