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उस अँधेरे सन्नाटे में गूँजती हुई चीख दूर सिवान में जाकर विलीन होने लगी, जहाँ सियारिनें रो रही थीं। थ... उस अँधेरे सन्नाटे में गूँजती हुई चीख दूर सिवान में जाकर विलीन होने लगी, जहाँ सिय...
बात 1974 की है। रोज-रोज हड़ताल होती थी, आफिसों का घेराव होता था। शहर की हालत यह हो गई कि जुलूस और प्र... बात 1974 की है। रोज-रोज हड़ताल होती थी, आफिसों का घेराव होता था। शहर की हालत यह ह...
न्यूयार्क में होने वाले डॉक्टरों के सेमिनार के लिए भास्कर राव का पेपर स्वीकृत कर लिया गया था। सेमिना... न्यूयार्क में होने वाले डॉक्टरों के सेमिनार के लिए भास्कर राव का पेपर स्वीकृत कर...
जहाँ आगे जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बचता और जहाँ नदी का पानी ठहर जाता है। बावजूद इसके कि शहर में वस... जहाँ आगे जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बचता और जहाँ नदी का पानी ठहर जाता है। बावजू...
साँझ का समय है। दिन भर तक थकाने वाली आफिसों की हाँव-हाँव, किच-किच, ऊपर से बाजार का शोर। चारों ओर एक ... साँझ का समय है। दिन भर तक थकाने वाली आफिसों की हाँव-हाँव, किच-किच, ऊपर से बाजार ...
गोपाल मंदिर के पिछवाड़े एक लंबी सुरंग की तरह अँधेरी गली है। यह गली एक पुराने खंडहरनुमा मकान के बड़े से... गोपाल मंदिर के पिछवाड़े एक लंबी सुरंग की तरह अँधेरी गली है। यह गली एक पुराने खंडह...
आठ दिन बाद दशहरे का मेला है। सुबह उठकर बसंती ने उँगली पर गिना - पूरे आठ दिन बाद। कलवती को जागने के ल... आठ दिन बाद दशहरे का मेला है। सुबह उठकर बसंती ने उँगली पर गिना - पूरे आठ दिन बाद।...
नवंबर 1990 की कोई एक तारीख थी। हादसे के गुजर जाने के बावजूद शहर में अब भी दहशत थी। आम दिनों के हिसाब... नवंबर 1990 की कोई एक तारीख थी। हादसे के गुजर जाने के बावजूद शहर में अब भी दहशत थ...
23 अप्रैल 1995। लखीमपुर खीरी का वाई.डी. कालेज। मैं शाम को परीक्षा कक्ष में बैठा हुआ था। करीब साढ़े पा... 23 अप्रैल 1995। लखीमपुर खीरी का वाई.डी. कालेज। मैं शाम को परीक्षा कक्ष में बैठा ...
किसी भी चीज के प्रति तत्काल आकर्षित होना और फिर उससे ऊब जाना प्रकाश की विशेषता थी। जब चीजों को वह गौ... किसी भी चीज के प्रति तत्काल आकर्षित होना और फिर उससे ऊब जाना प्रकाश की विशेषता थ...