A joke on marriage is the best explanation and escape from the pain relationship is in. irony is the deliverer of it, is the culprit ...
आज हज़ार भी काम पड़ रहे है
कभी नहीं चाहता की मेरा काम और पगार बढ़े
कमबक्त दस से पचास मचान/कॉफिन बनता था।
हम अपने शब्दों को रूप देते रहे
हमारे हाशिये ही धोखा दे गए।
रंग तो बहुतों ने लगाए है,
काश !कोई दिल पे छाप छोड़ जाता।
अपनी बुद्धि पे रश्क बहुत है बस दिल ने मामला खराब कर दिया ।
ऋतु
आज एक बार फिर उसी राह से गुज़रे और वही मायूसी हाथ आयी ,न जाने क्यों इस दिल को भी दर्द की आदत हो गयी है।
ऋतु