Nikhil Kumar
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नींद नहीं आ रही टूटा एक सपना है एक भ्रम टूटा है आज की तू अपना है एक भरोसा टूटा है की अब किसी पर भरोसा नहीं होएगा आज समझ आया की गैर गैर ही रहेगा कभी अपना नहीं होएगा

नींद नहीं आ रही टूटा एक सपना है एक भ्रम टूटा है आज की तू अपना है एक भरोसा टूटा है की अब किसी पर भरोसा नहीं होएगा आज समझ आया की गैर गैर ही रहेगा कभी अपना नहीं होएगा

हर सवाल का ज़वाब क्यूं ढूंढना कुछ सवालों को सवाल हि रहने दो क्यूंकि कुछ सवालों के जवाब अंदर से तोड़ कर रख देते हैं।

किस्मत ने भी क्या खेल खेला है- वो मरकर भी मेरे अन्दर जिन्दा है और हम जीते जी मर चुके हैं

हम कहानियां लिखने वालों की हाथों में सिर्फ कहानियां ही रह जाती हैं कोई किरदार जिन्दगी में शामिल नहीं होता है


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