Satish Chauhan
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I'm Satish and I love to read StoryMirror contents.

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अब बाते काम होने लगी है, शायद कही और बड़ने लगी है वो हम तो नही , शायद कोई हम सा मिल गया है वक्त ही तो था , जो हालात के साथ ढल गया अब शायद उसको हमारी जरूरत ही नही, तभी तो समय के साथ वो फिर से चल दिया By Satish Chauhan

जिसे दोस्त से प्यार बनाया था कभी, उसी ने आज फिर दोस्त बना दिया , ये वक्त ही तो था जिसने हमे सबका अहसास दिला दिया ।

ये खयाल क्या है आपका ये मिजाज क्या है आपका शायद हममें कुछ बदला या आप ही बदल गए ! सतीश चौहान

प्यार ऐसा की, जहन से ना निकल पाए यार ऐसा की, जिसके जहन में हम ना आए काश की कुछ ऐसा हो जाए उसको हमारे जैसा प्यार हमसे ही हो जाए सतीश चौहान

रूह से मिलना है तो ये निमंत्रण ही कैसा , जिस्म को बुला के रुह से मिलने का ये ख्वाब ही कैसा रूह से मुलाकात करनी हैं तो हमको ना बुलाइए अपने दिल के रस्ते हमारे दिल में आकर बैठ जाइए By Satish Chauhan

जब बात दिलों से ही हो तो नम्बर की कदर ही क्यों है, जब साथ मन का है तो कॉल की जरूरत ही क्या है # सतीश चौहान

समझ नही आता मिजाज आज–कल आपका क्या खयाल है आज –कल हमारे बारे में आपका इतने दिनो में क्या खयाल ना आया हमारा आपको अगर आया खयाल हमारा तो क्या बरताव है आज–कल आपका सतीश चौहान

समझ नही आता मिजाज आज–कल आपका क्या खयाल है आज –कल हमारे बारे में आपका इतने दिनो में क्या खयाल ना आया हमारा आपको अगर आया खयाल हमारा तो क्या बरताव है आज–कल आपका सतीश चौहान


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