A silent observant.....love to spread magic with words.
रात सितारे और मैं तन्हाई के साथी तारे और मैं, जब रात का अफ़साना शुरू होता है तब हमारा फ़साना शुरू होता है, तारो से जब मैं बातें करती हूँ कभी कभी अपनी परछाई से भी डरती हूँ, डर सिमट कर जब बैठती हूँ तब ये मुझे बहलाते है खुश होकर ये टिमटिमाते है,