💐सुविचार 💐 वो इंसान नहीं है जो अपने वर्तमान के लिए किसी के भविष्य को दांव पर लगा दे या अपने वर्तमान को सँभालने के लिए किसी के भविष्य को उजाड़ दे शिवम अन्तापुरिया
अभी इतना किनारा सा किनारा हूँ नहीं मैं तेरी चाहत का आदी हूँ सितारा हूँ नहीं मैं लगेगा वक़्त मुझको भी चमकने में मेरे यारों बताओ क्यों तुम्हारा होकर भी तुम्हारा हूँ नहीं मैं शिवम अन्तापुरिया
आस्तीन के साँप भला क्या गैरों पर प्रहार करेंगे जिनको तुम अपना कहते हो वो क्या नामर्द लड़ेंगे शिवम अन्तापुरिया लगता था शायद कि वो अब सुधर जाएगा नहीं था पता कि वो और ज्यादा बिगड़ जाएगा नहीं तो हम खुद को इतना लचीला नहीं करते गर होता पता कि वो सारे दाँव मुझपर ही आज़माएगा शिवम अन्तापुरिया
मोहब्बत इश्क में खोकर जमीं भी आसमाँ ढूँढे तुम नौका में बैठे हो हम लहरों में हैं डूबे शिवम अन्तापुरिया
उसी से उसी का मैं गम चाहता हूँ ये दम मेरा निकले वो दम चाहता हूँ नज़र से हमारे वो ओझल हुए हैं सफ़र पूरा हो ऐसा पथ चाहता हूँ ~ शिवम अन्तापुरिया
अब हर हाथों में फ़ौलादी भरना ही है काम मेरा भरतभूमि के कण कण में हैं वीरों का यशगान लिखा शिवम अन्तापुरिया