जिंदगी मे समस्याये तो हर दिन खड़ी है। जीत जाते है वो लोग जिनकी सोच बड़ी है
*अनुजा मनु*
जो न जाना है अभी तक मैं उसे पढ़ने चली हूँ।
मैं विजय का लक्ष्य लेकर गिरि-शिखर चढ़ने चली हूँ।।
भाव जो भी हीनता के नष्ट सारे हो सकेंगे,
गर्व की अनुभूति वाली मूर्ति नव गढ़ने चली हूँ।।