आज फिर बारिश की वह रात है तन का मैल तोह भीगने से चला जाएगा पर मन का मैल अपने गलतिओं के एहसास से ही जाता है
आज फिर बारिश की वह रात है तन का मैल तोह भीगने से चला जाएगा पर मन का मैल अपने गलतिओं के एहसास से ही जाता है
बस जाने के लिए आए हो क्या या किसी और के आने के लिए जा रहे हो आए हो ज़रा ठर हर कर जाओ कोई आजकल रुकता नहीं
Every relationship wants time money and patience Only relationship with mom dad we are used to of giving none of them
हमने वफाएं की है किसी नफा के उम्मीदों पर नहीं तुमने ज़तिया की है और हम उफ़ तक ना करे तुम्हारे पैसों से हमारा घर बस्ता जरूर है पर भूलना नहीं हमारे खून से तुम्हारे भी घर रौशन होते है हम मजदूर है साहब गरीबी का रोना नहीं हमारे हक की रोटियां तोड़ते है