Alaka Kumari
Literary Colonel
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

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कभी नकली सिक्कों को गिनते थें, कभी लोग अनगिनत तानें देते थें, वो बदकिस्मती ही था साहब! सफलता मिलने पर भी सफल न कहे गए थें। -अलका कुमारी “भारती”

मेरी सांस तू है, मेरा आस तू है। मेरी उम्मीद मेरे सपने तू है, मेरे कामयाबी मेरी मंजिल तू है। मां तू ही है, मम्मी तू ही है। मेरे सपनों की उम्मीद तू है, मेरे सपनों की मंजिल तू है। मेरी कामयाबी के पीछे तू है, मेरी खुशी तू है मेरे चेहरे की मुस्कान तू है। खुद से पहले मुझे खिलाती खुद भूखी रह जाती है, तेरे चरणों में मुझे स्वर्ग मिले। तेरे चेहरे से मेरी सुबह हुई, हर सुबह सूरज से पहलेमां काचेहरा देखीहूं।

जिंदगी में ताउम्र सीखने का जुनून रखें, क्योंकि सीखने का सिलसिला कभी खत्म नहीं होता। -अलका कुमारी

अर्ज़ किया है- हर ग़म के बाद खुशी जरुर आती है, हर शाम के बाद नयी सुबह जरुर आती है। -अलका कुमारी

रास्ता कितना भी जर्जर क्यों न हो, चलना मुझे आता है। मुसीबत कितना भी बड़ा क्यों न हो, हराना मुझे आता है। -अलका कुमारी

कुछ खुशियों कि बलि चढ़ा देंगे, कुछ आदतें भी सुधार लेंगे। मंजिल को पाकर रहेंगे, ख्वाहिशें को पुरे कर ही लेंगे। -अलका कुमारी

ख्वाहिशें को हकीकत कि परवाह नहीं होती है, विद्यार्थी को मुसीबतों कि परवाह नहीं होती है।

उम्मीद खुद से रखो, गैरों से नहीं। जीतना खुद से सीखो, गैरों से नहीं।। -अलका कुमारी

हम सोना बाबु जान नहीं करते हैं, हम मोहब्बत हिंदुस्तान से करते हैं। -अलका कुमारी


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