@pradyumna-arothiya

PRADYUMNA AROTHIYA
Literary Brigadier
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

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जीवन की कहानी सिर्फ दिन और रात की बनाई दीवारों में मौजूद नहीं, जिसमें उसे समेट कर छोड़ दिया जाए, बल्कि उसकी कहानी 'रात और दिन' तथा 'दिन और रात' के बीच गुजर रहे समय में भी है।

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यह वक़्त जो गुजर रहा है निश्चित ही बहुत कुछ सीखने को दे रहा है। कल कैसा भी हो लेकिन आज खूबसूरत होना चाहिए।

वक़्त कैसे यूँ ही गुजर गया यादों का कारवां रह गया...

जीवन की उपयोगिता तब और बढ़ जाती है जब कोई आपके नजदीक आता है।

रिश्ते बर्फ की तरह हैं अधिक ताप से पिघल जाते हैं और कम ताप से ज्यों के त्यों बने रहते हैं। प्रद्युम्न अरोठिया

जिंदगी हमें वो क्यों नहीं देती जिसकी ख्वाहिश लिए हम हरपल जीते हैं ?

आज को इतना सशक्त बनाएं कि कल कमजोर न हो। जीवन में निराशा जैसा भाव फिर न हो।। प्रद्युम्न अरोठिया

सवेरा सिर्फ उजाला ही नहीं दिशा भी देता है। प्रद्युम्न अरोठिया

एक बेहतर जीवन जीने के लिए सन्तुलन की आवश्यकता होती है।

दूसरों को गलत साबित करने से अच्छा है कि आप स्वयं को अच्छा बनाने की कोशिश करें।


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