समाज क्या है?
हम और तुम,नहीं ?
ना तुम बुरे और ना ही मै
फिर खाप पंचायत का ख़ौफ़ क्यों हो प्रेमी जोड़ों में?
पत्थर की मूर्तियाँ तुम्हे भाती है और गीत गाती सी लगती है
कभी तुम नज़रअंदाज करके ही मुझे पत्थर की मूरत बना देते हो.....
अभिनेता का कौशल ही उसको रंगमंच का राजा या रंक बनाता है...
जरूरी नही है कि हर बार किसी अभिनेता की तरह दुख छिपाएँ
कुछ दर्द बाँटने से कम होते
है...
असंभव और संभव में कितने फ़ासले होते है
यह असंभव को संभव करने वाला व्यक्ति ही बता पायेगा....
कॉलेज की वह खट्टी मीठी यादें
आज कुबेर का खजाना लगती है...
सदियों से नर्स /डॉक्टर लोगों की सेवा करते आये है
यूँही नही उन्हें भगवान कहा जाता है....
तकनीकी से हर काम आसान हो जाता है
लेकिन इंसानों में इंसानियत लाना आसान नही.......
समंदर की लहरों जैसा होता है माँ का प्यार
अनथक अनगिनत अम्परपार प्यार...