Anuradha Kumari
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दरिया हैं हम हमें अपना हुनर मालूम हैं। बह जाये जिधर रास्ता उधर ही बन जायेगा । हमारी राजकीय भाषा हिन्दी है हमें हमारी भाषा बोलने में शर्म नही गर्व होना चाहिए । मै अनुराधा कुमारी बिहार के मधुबनी जिला के छोटे से गांव पचहर से हूँ।

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ये दिल नही , अब पत्थर है गालिब । कमबख्त रोज टूटता और बिखरता है

धर्म भक्ति नहीं,बल्कि ईश्वर के प्रेम के लिए धर्म और कष्ट सहना हैं , यही रहस्यवादी का सच्चा सिद्धांत हैं।

मैं बताई थी खो दोगे तो दुबारा न पाओगे। तुम्हारा जज्बात रोए या तुम रोओ। मुझमें कोई फर्क नहीं पाओगे खुद को दगा करूं या खुद को सजा करूं । बर्बाद मुझे पाओगे पर तुम अपने साथ कभी नही पाओगे। अनुराधा कुमारी ❤️

मन को किसी कॉपी में लिख पाना आसान नहीं है । कभी कभी हमारे मन में बहुत सारी बाते होती है लेकिन हम उसे बया नही कर पाते हम उसे लिख नहीं पाते किसी को कह नही पाते वह बस मन में ही रह जाती है । अनुराधा कुमारी ❤️

क्या तुमने कभी गौर किया है तुम्हारा हसीं इतना प्यारा है । तुम जब भी हंसते हो। मानो कुछ पल के लिया दुनिया हसींन हो जाती है। बिलकुल तुम्हारे तरह। अनुराधा कुमारी ❤️

चारो तरफ से टूट के बिखर के जब भी आती हूं । मुझे जब भी कोई दुख देता है। जब भी कोई मुझ से नफरत करता है। मुझे सिर्फ तेरा चेहरा याद आता है अनुराधा कुमारी ❤️

जिस दिन मैं तुमसे झगड़ना छोड़ दूं। तुमसे जिद करना छोड़ दु तुम्हारे लिए सबसे लड़ना छोड़ दु तुम्हारा शिकायत तुमसे ही करना छोड़ दु । तब तुम समझ जाना मैंने तुम्हें छोड़ दिया। अनुराधा कुमारी ❤️

मैंने देखा ही नहीं तुम्हारे सिवा किसी और के आखों में ऐसा मैंने तुम्हारी आखों में बहुत सुंदर दुनिया देखी जो कभी किसी के आखों में नहीं देखा । अनुराधा कुमारी

सुनो मुझे न तुमसे कुछ भी नही चाहिए बस मैं चाहती हूं मैं जब भी उदास रहूं तुम थोरी सी हसीं मेरे चेहरे पे कही से भी ला देना ।


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