स्त्री के बिना सन्त महात्मा,ऋषि,महर्षि,पैगम्बर और यहां तक ईश्वर के अस्तित्व की कल्पना भी नही की जा सकती।
सकारात्मकता की उर्जा परिवेश में चारो तरफ उत्सर्जित हो रही है और नकारात्मकता से टकरा रही है धन्य हैं वो लोग इस नजारे को महसूस कर रहै हैं।
सकारात्मकता की उर्जा परिवेश में चारो तरफ उत्सर्जित हो रही है और नकारात्मकता से टकरा रही है धन्य हैं वो लोग इस नजारे को महसूस कर रहै हैं।
प्रक्रति के संरक्षण में
अंतरिक्ष में एक नये तारे
और पृथ्वी पर नये मनुष्य का निर्माण हो रहा है।
असफलता जीवन का बोझ उठाने में सक्षम नहीं है।
सहानुभूति म नुष्य का मानवीय गुण है.
रौशनी में अंधेरे की बात चल रही है
बुद्धिमान लोग होंगें।
सुरेन्द्र कुमार सिंह चांस
रौशनी में अंधेरे की बात चल रही है
बुद्धिमान लोग होंगें।
सुरेन्द्र कुमार सिंह चांस
प्रेम हो तो
प्रकाश वर्ष भर की दूरी
एक पल में तय।
सुरेन्द्र कुमार सिंह चांस