Abhishek Singh
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थोड़ा-थोड़ा हर रोज़ लिखता हूँ उसे जो एक बार में बायाँ कर दूँ वो शायर ही क्या..? Ig./@thepoetryby78 #thepoetryby78 #sobhi78 Tw./@abhishe7788 #AnRamjacian🎓 #Mom'sBoy😘😘 #LabTech🔬💉

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मीठा कम पत्ती तेज़ रखना दूध में पानी थोड़ा गुरेज़ रखना आज संग मेरे उनकी यादें आईं हैं शऊर-ए-दश्त थोड़ा सहेज़ रखना - अBhiषेk सिंh रajपुt गुरेज़-कम, शऊर-तरीक़ा, दश्त-हाथ,

If i slept, Don't wake me up. Been hurting for a long time - अBhiषेk सिंh रajपुt

इरादे तेरे हैं गमगीन शायद... लिपट के मुझसे, मुझे ये बदनाम ना कर दे शायद... मैं भी हूँ शातिर इरादी क्यों ना होना चाहूँ सरेआम शायद.. *- अBhiषेk सिंh रajपुt*

मुश्त-ए-ख़ाक, हो जाएगा हर शख़्स एक दिन ग़ुरूर ईमान का,होना चाहिए दौलत का नहीं मुश्त-ए-ख़ाक - मुट्ठी भर धूल #seedibaat

यूँ शफ़क के इस बेला पे ख़ल्वत ना बैठो वो अगर ख़यालों में आ गई तो क्या करोगे #SeedhiBaat

बस यूँही चला जाता हूँ मंज़िल ए राह पे पैरों में छालों की परवाह किया बिना मैं मज़दूर हूँ साहब नहीं जी सकता अपने स्वाभिमान के बिना

इच्छा कभी पूर्ण कहाँ होती। मन में अक्सर घर कर जाती। Mr.Singh..

अत्याधिक रहे न सदा,उपचार। स्वस्थ जीवन का हो,जब विचार। Mr.Singh..

किताबों से सच्चा कोई मित्र नहीं होता। और हर मित्र अच्छा भी नहीं होता। आवश्यक ये है की अपना ज्ञान बढ़ाएँ। और अच्छी किताब का अनुशरण करें। Mr.Singh..


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