लेखन में बचपन से ही रुचि रही है। कोशिश है भावनाओं को शब्दों में पिरोने की ।
जो हमें पसंद है उस काम को करने की बजाय हमें उसे काम को पसंद करना चाहिए जो ज़रूरी हों ।