नीरस जीवन सरस बनाते हैं त्योहार, वैज्ञानिकता से परिपूर्ण होते संस्कार। नैतिक मूल्यों की संरक्षक परम्पराएं, प्रकृति संरक्षण का स्मृत रहे विचार। @ गायत्री धन पति सिंह कुशवाहा @
सरस बना रहे जीवन सबका, और रोचक भी बना रहे संसार। संस्कृति वैज्ञानिकता से समाहित, व्यावहारिकता संजोते हैं त्योहार। @ डी पी सिंह कुशवाहा @
जीवन में हर पल आनंद के रंग, सकारात्मक दृष्टिकोण के है संग। नित नूतन उत्साह नित नई उमंग, प्रफुल्लित करे शीतल मन्द समीर , ऊर्जा ज्यों उच्छल जलधि तरंग। @ डी पी सिंह कुशवाहा @
सकारात्मक दृष्टिकोण युक्त सुंदर विचार, संग धीरज और साहस की शक्ति अपार। नियोजन और सहयोग रहे बिन अहंकार, सार्थक सफल जीवन आनंदमय संसार। @ डी पी सिंह कुशवाहा @
तैयारी है सौ वर्ष की पल का नहीं है बोध, ध्यान दिलाए कोई तो करते उस पर क्रोध। नश्वर भौतिक साधन समय का है अवरोध, सुंदर हो आचरण करें आत्म चिंतन व शोध। @ डी पी सिंह कुशवाहा @
जीवन में बना रहे हर पल ही जोश , पर खोने न पाए एक पल भी होश। जीवन में आते कभी-कभी ऐसे पल, जहां रहना पड़ जाता है हमें खामोश। @ गायत्री धन पति सिंह कुशवाहा @
निर्णय ले लेवें सदा ही हम उचित समय पर, बिन समय गंवाए कर विधिवत सोच-विचार। बिन चिंतन गलत निर्णय पश्चाताप का कारण, अति चिंतन में समय बिताने से होता है अबार। @ गायत्री धन पति सिंह कुशवाहा @
निज जीवन क्षेत्र से सब घटा सकते हैं, अपनी और अपनों की हर एक समस्या। जरुरत है सकारात्मक चिंतन के सहित, धैर्य नियोजन संग सहयोगपूर्ण तपस्या। @ गायत्री धन पति सिंह कुशवाहा @