Sanjay Jain
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किसी को हाल दिल का ये सुनाया जा नहीं सकता मगर पलकों में अश्कों को छुपाया जा नहीं सकता मेरा वो हो नहीं सकता मुझे मालूम है ये भी मगर दिल से उसे फिर भी भुलाया जा नहीं सकता Sanjay Jain

लगा दी आग सावन ने बदन तेरा शरारा है मेरी धड़कन ये कहती है मुझे तूने पुकारा है लरजते होंठ हैं तेरे अधर मेरे भी प्यासे हैं बुझा दे प्यास दोनों की ये मौसम का इशारा है Sanjay Jain

दिल की धड़कन भी है आज तो जोश में किस तरह अब रहूँ मैं भला होश में चाँद तेरा तो है आसमाँ में सनम पर मेरा चाँद है मेरे आगोश में Sanjay Jain

एक पल में तुझे भुला देगा और अहसान भी जता देगा है भरोसा तुझे जिस पर देख लेना वही दगा देगा sanjay jain


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