देखना हैं तो अपनी खूबियां देख कमिया खोजने के लिए लोग बहुत हैं कदम रखना हैं तो आगे रख टांग पीछे खींचने के लिए लोग बहुत हैं। जलना हैं तो चिंगारी बनकर जल कामयाबी को देख जलने वाले लोग बहुत हैं कुछ कर दिखा इस ज़माने को तालियां बजाने के लिए लोग बहुत हैं।
समय इंसान को उसकी इंसानियत और गुरुर दिखा देता हैं, कभी उसे राजा तो कभी रंक बना देता हैं। जो नहीं छोड़ते कभी धरातल उसे वक्त जीना सिखा देता है।
सूर्य की तरह निश्छल सेवा भाव हो, सबके द्वार पर समान रुप से प्रकाश फैलाने में प्रतिबद्धता दर्शाता है।
तन्हाई अक्सर पूछते हैं हमसे क्या आज भी इंतजार है उसके लौट आने का ये दिल मुस्कुरा कर कहता है मुझे अब तक यकीन नहीं है उसके चले जाने का।
किसी पागल कवि की कल्पना हों तुम खुद क़ो भूल जाऊ ओ नशा हों तुम अब होश ना आये बेहतर होगा सपना ही सही पर मेरे अपने हों तुम।
किसी पागल कवि की कल्पना हों तुम खुद क़ो भूल जाऊ ओ नशा हों तुम अब होश ना आये बेहतर होगा सपना ही सही पर मेरे अपने हों तुम।
किसी पागल कवि की कल्पना हों तुम खुद क़ो भूल जाऊ ओ नशा हों तुम अब होश ना आये बेहतर होगा सपना ही सही पर मेरे अपने हों तुम।
किसी पागल कवि की कल्पना हों तुम खुद क़ो भूल जाऊ ओ नशा हों तुम अब होश ना आये बेहतर होगा सपना ही सही पर मेरे अपने हों तुम।