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ये यादें भी बादलों की तरह होती है मन में उमड़ती है और पहाड़ों से टकरा कर आँसू बन बह जाती है ये यादें भी बादलों की तरह होती है मन में उमड़ती है और पहाड़ों से टकरा कर आँसू बन ब...
जो कभी किसी होटल के तंदूर में रोटी पकाते या कोयले की खदान में खुदाई करते खुद आयी है जो कभी किसी होटल के तंदूर में रोटी पकाते या कोयले की खदान में खुदाई ...