तुझे मेरी फिक्र ना थी महज वो इश्क दिखावा था, था मैं अंजान जो तेरे इश्क़ में खोया सा रहता था। ना मुझको थी ख़बर ये इश्क़ मुझको दर्द भी देगा, तेरी यादों की तकिया मैं बना सोया सा रहता था।
ये दुनियां कह रही है जो कहानी वो नहीं हूँ मैं, कभी बह जाऊँ आंखों से जो पानी वो नहीं हूँ मैं। मुझे तुमने नहीं जाना मुझे तुमने गलत समझा, समय के साथ बह जाए जो रवानी वो नहीं हूँ मैं।।
जिसे तुम इश्क़ कहते हो मुझे वो दर्द लगता है, मोह्हबत के सिवा हर सक्स अब हमदर्द लगता है। जिसे तुम जान कहते हो कभी वो जान थी मेरी, किसी को जान कहने से मुझे अब डर सा लगता है। 💔
यूँ बढ़ती जिंदगी ने परेशान कर दिया है, दे कर नए गम ने हैरान कर दिया है। औऱ जिस कमरे में कभी बस हँसते हुए चेहरे नजर आते थे, आज किसी ने बिना किसी वजह से खाली मकान कर दिया है।