Ashish Pathak
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हम इश्क में हार तब तक नहीं मानेंगे, जब तक मुझे हराने में शामिल तुम ना हो।। Shayar, Story writer ✍️✍️✍️

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तुझे मेरी फिक्र ना थी महज वो इश्क दिखावा था, था मैं अंजान जो तेरे इश्क़ में खोया सा रहता था। ना मुझको थी ख़बर ये इश्क़ मुझको दर्द भी देगा, तेरी यादों की तकिया मैं बना सोया सा रहता था।

ये दुनियां कह रही है जो कहानी वो नहीं हूँ मैं, कभी बह जाऊँ आंखों से जो पानी वो नहीं हूँ मैं। मुझे तुमने नहीं जाना मुझे तुमने गलत समझा, समय के साथ बह जाए जो रवानी वो नहीं हूँ मैं।।

जहाँ भी जाते थे महफ़िल सजा देते थे, कमबख्त ज़ालिम मोहब्बत ने ख़ामख़ा बदनाम कर दिया है।।

हो सके तो मुड़ कर देख लेना तुम जाते जाते, तेरे लौट आने के अहंम में जिंदगी गुजार लूँगा मैं। :- आशीष

जिसे तुम इश्क़ कहते हो मुझे वो दर्द लगता है, मोह्हबत के सिवा हर सक्स अब हमदर्द लगता है। जिसे तुम जान कहते हो कभी वो जान थी मेरी, किसी को जान कहने से मुझे अब डर सा लगता है। 💔

नाजाने क्या लिखा है मेरे चेहरे पर, हर शख्स मुझे आजमां कर छोड़ जाता है।

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यूँ बढ़ती जिंदगी ने परेशान कर दिया है, दे कर नए गम ने हैरान कर दिया है। औऱ जिस कमरे में कभी बस हँसते हुए चेहरे नजर आते थे, आज किसी ने बिना किसी वजह से खाली मकान कर दिया है।

बताओ ख्याब में तुम हो या फिर हमराज बन तुम हो, मिलोगी कब मुझे तुम अब बताओ साथ कब तुम हो। सुना है खड़े बहुतों तो बस दीदार को तेरे, बताओ पास कब तुम हो या फिर इक राज ही तुम हो।। ❤️


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