Goldi Mishra
Literary General
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"साधु बन बन बैठ गए रे, जाने ना राम और ध्यान, बैठा दूर वो काग कहे है, सब खुद ही जपलो राम…..रे,कबीरा खुद ही जपलो राम,।।"

"पंडित झांकता हर घर में, हर घर का जाने वो हाल, वो पंडित किस काम का जो करें प्रपंच अपार…रे,कबीरा करे प्रपंच अपार,।।"

कहना ज़रूरी हैं, कई बार अनकही बातें एक घाव की तरह चुभती हैं, आंखों की नमी को छुपा बस खामोशी से कया हासिल होगा, जो तिनका तिनका बिखरा तू फिर ना संभल पाएगा,।।

अपने भीतर के अंधेरे को रौशन कर, जो चले ना साथ कोई तू बस चलता चल, धूप छांव जो भी हो मौसम, तू अटल बन बस चलता चल,

यूं ही नहीं निखरा करते पत्थर, सबक कुछ लोहे की मार का सहना हिस्से रखना रिवायत बनानी होती हैं,।। – @गोल्डिमिश्रा

हर दर्द को आंख बंद करके सह ले जो वो मां है, अपने दर्द को हर वक्त छुपाए वो मां है,।।

find your spark, in the night of dark, follow your shine, you will get the way of shine,

            Dark It doesn't matter how far you are from your destination the thing which is matter is that how much distance you have already cover. There is no importance of moon without darkness and there is no importance of morning if there is no night.It means the bad that happens it's a sign of some good. No one write there own destiny we all get everything on its perfect time.

वो कहते थे अक्सर मुझसे आंखो में काजल लगा लिया करो वरना ज़माने की नज़र लग जाएगी, पायल पहन कर यूं ना आया करो कि इस दीवाने की सांसे थम जाएगी, कुछ बातें करलो वरना ये रात यूं ही गुज़र जाएगी, ये मुस्कुराहट कहर ढाह रही है ज़रा हौले हसो वरना दिल कि धड़कन काबू के बाहर हो जाएगी, तुमसे मोहब्बत में दुनिया की हर हद हमसे पार हो जाएगी, कोई बताए कैसे रखे खुद पर काबू हमे क्या पता था की ज़िन्दगी में यूं अचानक मुलाक


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