anita Kushwaha
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जब कुछ भावनाएं पेंटिंग से संप्रेषित नहीं हो पाती तो शब्दों का रूप ले लेती हैं.....

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अगर आप विपरीत परिस्थितियों में भी मुस्कुरा सकतें हैं तो संसार की कोई भी ताकत आपका मनोबल नहीं तोड़ सकती.....

जिन रिश्तों में सम्भल-सम्भल कर बोलना पड़े...तो ऐसे रिश्तों को जीने में मजा नहीं आता।

हमेशा अपने कंधे पर भरोसा रखिये, दूसरों के कंधों पर तो शव-यात्रा चलती है.….

यूँ तो जिंदगी के रेले हैं पर अपने आप में हर शख्स अकेले है....

दुनियाँ से बेजार हो कर...छुप गयी थी तुम्हारी पलकों में ..... तुमने भी आँसू बनाकर गिरा दिया By Anita Kushwaha...

मेरा दिल लेके, कहाँ रख दिया ये उन्हें याद नहीं या खुदा उनकें भूलने की आदत भी कितनी क़ातिलाना है....... - Anita Kushwaha

यूँ तो नेमतों से भरी हुई है जिंदगी अपनी पर कोई खलिश सी बाकी है दिल के अंदर (अनिता कुशवाहा) मौलिक एवं स्वरचित Anita Kushwaha


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