महसूस हमने हर वक़्त तुमको किया,
साथ रहने के वादा तुम्हारा याद किया,
उदास रहें पर चाहा तुमसे बात करें,
तुम ये बिंदिया ये लाली किसके लिए लगाती हो,
में अब तूम्हारा हूँ नहीं, फिर किसको दिखाती हो।
हमें अक्सर लगा कुदरत के कहर से आपका भारी है,
लेकिन क्या करें आई अभी करोना जैसी महामारी है,
यू राबता न बना मुझसे,मेरा अपना कोई रास्ता नही,
में शौकिया राहगीर हूँ, मेरा किसी से कोई वास्ता नहीं
उन रुकावटें और दर्द का न कोई छोर था
उस मजबूर का नेता था न कोई और था l
अब तो मुझे मेरे दो कदमों का ही सहारा है,
नये ज़माने की रेल और उड़ान रुक गयी है
ये हफ्ते भर का इश्क़ मुझे ग़वारा नहीं,
तुम एक मुश्त में कीमत बता दो मुझको।
खुद को खुदा समझ बैठा है वो नासमझ,
इसलिए उस को आता नही कोई समझ,
जिस दिन वो उस गद्दी से गिर जाएगा,
उस दिन आएगी उसे खुदा की समझ।
खुद को खुदा समझ बैठा है वो नासमझ,
इसलिए उस को आता नही कोई समझ,
जिस दिन वो उस गद्दी से गिर जाएगा,
उस दिन आएगी उसे खुदा की समझ।