मैं और तुम,,,,जैसे कागज और कलम.....
अच्छी नहीं लगती.... अच्छी नहीं लगती....
नया फिर जख़्म खाता हूँ...... नया फिर जख़्म खाता हूँ......
छिपा चाँद जाने किधर साजना .... छिपा चाँद जाने किधर साजना ....