मैंने हर दफ़ा दिल को समझाया था, कि हसीनों से दूर रहना... आज ज़ब तोड़ा किसी ने, तो आके मेरे पास रो रहा था...!
कहो तो दिल कि गहराई में जाऊ.... दोस्तों एक बात बताऊ.... ऐ जो मेरी गर्लफ्रेंड हैं ना.... एक बात के सौ बात बताती हैं.... यार इतने सजेशन तो गूगल भी नहीं देता हैं.....! राजित राम रंजन
उसके चूड़ी का टुकड़ा आज भी, मेरे बदन में चुभता हैं... उसके चले जाने का, कोई ग़म नहीं मुझे..... पर दिल ना जाने क्यूँ, आज भी दुखता हैं....! राजित राम रंजन
कोई कसमें कोई वादे ना रहें, हम आधे थे,अब आधे ना रहें, लेकर चले थे घर से एक-आधे इरादे, इरादे अब वो इरादे ना रहें...!
बेवफ़ा मोहब्बत,इश्क़,आशिकी नहीं होती हैं.... बस लोग होते हैं,जो साथ छोड़के तनहा कर देते हैं.... औऱ बेचारी पाक़ सी मोहब्बत पे दफ़ा-ऐ-302 का मुक़दमा चलता हैं...! हर दिन बेगुनेहगार मोहब्बत को अदालत कि बेवफ़ाई के कटघरे में खड़ा होना पड़ता हैं...!
बिना दर्द के दर्द का एहसास होना मुश्किल हैं, सोचता हूँ तो वो पास रहती हैं, सच में उसके पास होना बड़ा मुश्किल हैं....!