मैं बेहद सादा मिज़ाज की हूँ ,मेरे कुछ ऑर्टिकल ,कविता न्यूज पेपर "दैनिक भास्कर में छपे # रंग- बिरंगी छटा है हर दिशा में, होरी में भीगी चुनरियां, राधा संग खेलत है कान्हा होरी ** होली की मुबारकां आप सब को** साजिदा अकरम
Share with friendsदुनिया एक रंगमंच है| मनुष्य इस रंगमंच के कलाकार है जो ईश्वर हमसे विभिन्न अभिव्यक्ति करवाता है..! साजिदा अकरम
माँ आज है "शिक्षक दिवस" तू बड़ी शिद्दत से याद आती है| तूने ही तो सीखाया है ज़िन्दगी की, इन ऊंची- नीची राहों में अडिग चलना... "साजिदा अकरम "